Ghazal Shayari -71
Simple Ghazal Shayari by Guest: Mohammad ShabazKuch Der Tanhayi Ho To Maza Aaye...
Author:
"Many Thanks for your Shayari Submission."
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Kuch Der Tanhayi Ho To Maza Aaye,
Kuch Der Labkushahi Ho To Maza Aaye...
Itni Jaldi Kya Thi Faisale Ki Janab,
Kuch Der Sunwahi Ho To Maza Aaye...
Qafs-E-Duniya Ki Aagosh Me Thak Gaya,
Kuch Der Rehayi Ho To Maza Aaye...
Tumko Itna Jaldi Maaf Kar Diya Lihaz Nahi,
Kuch Der Duhayi Ho To Maza Aaye...
Shabaz Daman-E-Yaar Me Aag Tum Ne,
Kuch Der Jalayi Ho To Maza Aaye...
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लम्बी शायरी ग़ज़ल -71
सिंपल ग़ज़ल शायरी द्वारा: मोहम्मद शाबाजकुछ देर तन्हाई हो तो मज़ा आये...
कुछ देर तन्हाई हो तो मज़ा आये,
कुछ देर लबकुशाही हो तो मज़ा आये...
इतनी जल्दी क्या थी फैसले की जनाब,
कुछ देर सुनवाही हो तो मज़ा आये...
क़फ़स-ऐ-दुनिया की आगोश में थक गया,
कुछ देर रिहाई हो तो मज़ा आये...
तुम को इतना जल्दी माफ़ कर दिया लिहाज़ नहीं,
कुछ देर दुहायी हो तो मज़ा आये...
शबाज़ दमन-ऐ-यार में आग तुम ने,
कुछ देर जलायी हो तो मज़ा आये...
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