Ghazal Shayari -49
Simple Ghazal Shayari by Guest: Smiley GandhiHar Roop Me Har Rang Me Man Se Sunder Stree...
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Har Roop Me Har Rang Me,
Man Se Sunder Stree...
Kaya Chahe Jaisi Bhi Hoo,
Apne Naam Me Apne Kaam Me,
Sachi Si Muskaan Me,
Apne Mata-Pita Ke Gumaan Me,
Apnon Ki Pehchan Me,
Sapnoo Ki Udaan Me,
Har Roop Me Har Rang Me,
Man Se Sunder Stree...
Radha Ke Pyar Me,
Meera Ke Vyavhaar Me,
Meer Ki Ghazloon Me,
Soni Ke Intezaar Me,
Majboori Hoo Ya Ho Manzoori,
Har Roop Me Har Rang Me,
Man Se Sunder Stree...
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लम्बी शायरी ग़ज़ल -49
सिंपल ग़ज़ल शायरी द्वारा: स्माइली गांधीहर रूप में हर रंग में मन से सुन्दर स्त्री...
हर रूप में हर रंग में,
मन से सुन्दर स्त्री...
काया चाहे जैसी à¤ी हो,
अपने नाम में अपने काम में,
सच्ची सी मुस्कान में,
अपने माता-पिता के गुमान में,
अपनों की पहचान में,
सपनों की उड़ान में,
हर रूप में हर रंग में,
मन से सुन्दर स्त्री...
राधा के प्यार में,
मीरा के व्यवहार में,
मीर की ग़ज़लों में,
सोनी के इंतज़ार में,
मजबूरी हो या हो मंज़ूरी,
हर रूप में हर रंग में,
मन से सुन्दर स्त्री...
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