Ghazal Shayari -24
Simple Ghazal Shayari by Guest: MayureshMain Apni Taqdeer Ke Sitaron Se Waaqif Hun...
Author:
"Many Thanks for your Shayari Submission."
You can also Submit Your Own Shayari Here.
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Main Apni Taqdeer Ke,
Sitaron Se Waaqif Hun,
Mujhe Doobne Ka Dar Nahi,
Main Kinaron Se Waqif Hun.
Lafzo Ki Zaroorat Nahi,
Nafrat Ko Samajhne Ke Liye,
Lafzo Se Bhi Zyada,
Main Isharon Se Waqif Hun.
Khud Ke Kandho Pe,
Zindagi Ko Uthakar Hai Chalna,
Duniya Me Is Qadar,
Main Sahaaro Se Waqif Hun.
Qayamat Si Ho Gayi Hai,
Seekhte Hue Zindagi Ka Sabab,
Chand Logon Se Nahi,
Main Hazaro Se Waqif Hun.
Main Apni Taqdeer Ke,
Sitaron Se Waaqif Hun,
Mujhe Doobne Ka Dar Nahi,
Main Kinaron Se Waqif Hun.....
Must Read:- Ek Najar Dekh Le Tera Jaata Kya Hai | Romantic Ghazal Shayari
मैं अपनी तक़दीर के,
सितारों से वाकिफ हूँ,
मुझे डूबने का डर नहीं,
मैं किनारों से वाकिफ हूँ।
लफ़्ज़ों की ज़रूरत नहीं,
नफरत को समझने के लिए,
लफ़्ज़ों से भी ज़्यादा,
मैं इशारो से वाकिफ हूँ।
खुद के कंधो पे,
ज़िन्दगी को उठाकर है चलना,
दुनिया में इस क़दर,
मैं सहारो से वाकिफ हूँ।
क़यामत सी हो गयी है,
सीखते हुए ज़िन्दगी का सबब
चंद लोगों से नहीं,
मैं हज़ारो से वाकिफ हूँ।
मैं अपनी तक़दीर के,
सितारों से वाकिफ हूँ,
मुझे डूबने का डर नहीं,
मैं किनारों से वाकिफ हूँ.....
जरूर पढ़ें:- मेरे वो चंद राज... | ग़ज़ल शायरी हिंदी
Sitaron Se Waaqif Hun,
Mujhe Doobne Ka Dar Nahi,
Main Kinaron Se Waqif Hun.
Lafzo Ki Zaroorat Nahi,
Nafrat Ko Samajhne Ke Liye,
Lafzo Se Bhi Zyada,
Main Isharon Se Waqif Hun.
Khud Ke Kandho Pe,
Zindagi Ko Uthakar Hai Chalna,
Duniya Me Is Qadar,
Main Sahaaro Se Waqif Hun.
Qayamat Si Ho Gayi Hai,
Seekhte Hue Zindagi Ka Sabab,
Chand Logon Se Nahi,
Main Hazaro Se Waqif Hun.
Main Apni Taqdeer Ke,
Sitaron Se Waaqif Hun,
Mujhe Doobne Ka Dar Nahi,
Main Kinaron Se Waqif Hun.....
Must Read:- Ek Najar Dekh Le Tera Jaata Kya Hai | Romantic Ghazal Shayari
लम्बी शायरी ग़ज़ल -24
सिंपल ग़ज़ल शायरी द्वारा: मयुरेशमैं अपनी तक़दीर के सितारों से वाकिफ हूँ...
मैं अपनी तक़दीर के,
सितारों से वाकिफ हूँ,
मुझे डूबने का डर नहीं,
मैं किनारों से वाकिफ हूँ।
लफ़्ज़ों की ज़रूरत नहीं,
नफरत को समझने के लिए,
लफ़्ज़ों से भी ज़्यादा,
मैं इशारो से वाकिफ हूँ।
खुद के कंधो पे,
ज़िन्दगी को उठाकर है चलना,
दुनिया में इस क़दर,
मैं सहारो से वाकिफ हूँ।
क़यामत सी हो गयी है,
सीखते हुए ज़िन्दगी का सबब
चंद लोगों से नहीं,
मैं हज़ारो से वाकिफ हूँ।
मैं अपनी तक़दीर के,
सितारों से वाकिफ हूँ,
मुझे डूबने का डर नहीं,
मैं किनारों से वाकिफ हूँ.....
जरूर पढ़ें:- मेरे वो चंद राज... | ग़ज़ल शायरी हिंदी
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